भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य संबंधी कारणों से इस्तीफा दे दिया, जिससे यह पद अचानक खाली हो गया । संविधान के अनुसार, इस स्थिति में नए उपराष्ट्रपति का चुनाव अविलंब आयोजित करना आवश्यक था ।
चुनाव प्रक्रिया और शेड्यूल
चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी, जिसमें पी.सी. मोडी को रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया । चुनाव की अधिसूचना 7 अगस्त 2025 को जारी की गई । नामांकन की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी, और वहीं 22 अगस्त को नामों का सत्यापन हुआ । नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 25 अगस्त थी ।
चुनाव 09 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और उसी दिन वोटों की गिनती के बाद परिणाम घोषित कर दिया जाएगा । निर्वाचन मंडल (Electoral College) में देश की संसद दोनों सदनों के निर्वाचित व नामांकित सदस्य शामिल हैं ।
उपराष्ट्रपति पद के लिए महत्वपूर्ण चुनाव की वोटिंग शुरू हो गई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहला वोट डाला। वोटिंग शाम 5 बजे तक जारी रहेगी और परिणाम शाम 6 बजे के बाद आने की उम्मीद है।
मंगलवार को होने वाले इस उपराष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी-नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA ब्लॉक) के बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच सीधा मुकाबला है। संसद के दोनों सदनों में एनडीए की संख्यात्मक बढ़त के कारण मुकाबले में उसे बढ़त मानी जा रही है।
यह चुनाव उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अप्रत्याशित रूप से इस्तीफा देने के बाद हो रहा है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा था कि उन्हें “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देनी है और चिकित्सकीय सलाह का पालन करना है।”
सोमवार को, एनडीए और विपक्ष दोनों ने संसद परिसर में अलग-अलग बैठकें कीं, जहाँ उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और सांसदों को मतदान की प्रक्रिया के बारे में दिशा-निर्देश दिए। यह सुनिश्चित करने के लिए मॉक पोल (पूर्वाभ्यास वोटिंग) भी कराई गई ताकि सांसद सही तरीके से वोट डाल सकें।
विपक्षी खेमे में सांसदों को यह चेतावनी दी गई कि वे वोटिंग में किसी भी तरह की गलती न करें, क्योंकि पिछली उपराष्ट्रपति चुनाव में कुछ मतपत्र अमान्य घोषित कर दिए गए थे। उन्हें निर्देशित किया गया कि वे केवल अपने पसंदीदा उम्मीदवार के सामने ‘1’ अंकित करें और किसी भी दूसरे उम्मीदवार को वरीयता न दें, क्योंकि दूसरी वरीयता केवल असाधारण स्थिति में, जैसे कि बराबरी (टाई) होने पर ही गिनी जाती है।

महत्वपूर्ण उम्मीदवार और राजनीतिक पहिया
एनडीए ने अपने उम्मीदवार के तौर पर सी.पी. राधाकृष्णन (महाराष्ट्र के राज्यपाल) को चुना है, जबकि इंडिया ब्लॉक ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. सुदर्शन रेड्डी को अपना संयुक्त उम्मीदवार बनाया है । नामांकन की स्वीकृति क्रमांक 26–29 (राधाकृष्णन) और 41–44 (सुडर्शन रेड्डी) दी गई ।
सियासी समीकरण और गठबंधन का प्रभाव
बीजेडी (BJD) और बीआरएस (BRS) ने यह घोषणा की है कि वे इस चुनाव में किसी का भी समर्थन नहीं करेंगे और मतदान से दूर रहेंगे । इससे एनडीए को अतिरिक्त लाभ की संभावना बनती है, क्योंकि मुकाबला पहले से ही एनडीए के पक्ष में जमीनी संख्याओं के चलते थोड़ा स्पष्ट था ।
चुनाव की तैयारियाँ और विपक्ष की रणनीति
इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने मतदान से पहले एक मॉक–वोटिंग ड्राइव आयोजित की, ताकि वास्तविक मतदान में ‘इनवैध वोट’ की संभावनाओं को कम किया जा सके । इसके अतिरिक्त, जेल में बंद बरामूला के सांसद इंजीनियर राशिद ने दिल्ली की अदालत से मतदान की अनुमति माँगी है—यह दर्शाता है कि सांसदों को निजी और बंदी होने की स्थिति में भी मतदान का अधिकार है ।
पार्लियामेंट का समीकरण और आंकड़ों की झलक
वर्तमान में संसद में एनडीए के पास मजबूत बहुमत है, जिससे राधाकृष्णन के पक्ष में मत संख्या की योजना स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है । एनडीए को सबसे कम से कम 394 वोटों की आवश्यकता है (यदि सभी सदस्य मतदान करें) । बीजेडी और बीआरएस के मतदान से अनुपस्थित रहने से यह संख्या और मजबूत हो सकती है।
कुल मिलाकर, चुनाव की दिशा और परिणाम उस संख्यात्मक विभाजन और राजनीतिक गठबंधनों की नींव पर आधारित है, जो स्पष्ट रूप से एनडीए को बढ़त दे रहे हैं।