India vs New Zealand Womens Highlights— स्मृति मंधाना के शतक से टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत”

महिला क्रिकेट में सबसे बड़ा टूर्नामेंट चल रहा है — ICC Women’s World Cup 2025 — जिसमें भारत की महिला टीम और न्यूज़ीलैंड की महिला टीम के बीच 23 अक्टूबर 2025 को खेले गए मुकाबले ने हर क्रिकेट प्रेमी का दिल जीत लिया। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया मुकाबला ‘India vs New Zealand Womens’ भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक यादगार पल बन गया। यह मैच मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में खेला गया, जहाँ भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए न्यूज़ीलैंड को 53 रनों से पराजित किया। यह मुकाबला न केवल स्मृति मंधाना की ऐतिहासिक पारी के लिए जाना जाएगा, बल्कि पूरी टीम के सामूहिक प्रयास ने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचा दिया।

टॉस और शुरुआत — रणनीतिक निर्णय

न्यूज़ीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया। मुंबई की पिच शुरू में तेज़ गेंदबाज़ों के लिए थोड़ी मददगार थी, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ा, बल्लेबाज़ों के लिए रन बनाना आसान होता गया। भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा था कि अगर वे पहले बल्लेबाज़ी करती हैं तो टीम 300+ स्कोर का लक्ष्य रखेगी — और उन्होंने यह वादा निभाया भी।

भारत की पारी — स्मृति मंधाना की शतकीय चमक

भारतीय ओपनर स्मृति मंधाना ने शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाज़ी का रुख अपनाया। उन्होंने अपने शानदार टाइमिंग और क्लासिक शॉट्स से मैदान में दर्शकों का दिल जीत लिया। मंधाना ने 95 गेंदों में 109 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 3 छक्के शामिल थे। यह उनकी महिला विश्व कप करियर की पहली सेंचुरी थी और इसके साथ उन्होंने एक विश्व रिकॉर्ड की बराबरी भी की।

उनके साथ युवा खिलाड़ी प्रतीका रावल ने शानदार 122 रनों की पारी खेली। दोनों ने मिलकर पहले विकेट के लिए 212 रनों की रिकॉर्ड साझेदारी की — जो महिला विश्व कप के इतिहास में भारत की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप रही। इस साझेदारी ने न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी को पूरी तरह असहाय बना दिया।

तीसरे नंबर पर उतरी जेमिमा रोड्रिग्स ने 55 गेंदों में नाबाद 76 रन बनाकर पारी को मजबूती दी। इन तीनों की बल्लेबाज़ी के दम पर भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 3 विकेट खोकर 340 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।

न्यूज़ीलैंड की पारी — अच्छी शुरुआत, लेकिन असफल पीछा

लक्ष्य का पीछा करने उतरी न्यूज़ीलैंड टीम ने शुरुआत में अच्छी लय पकड़ी। ब्रूक हॉलिडे और इसाबेला गेज़ ने पारी को संभालने की कोशिश की। हॉलिडे ने 81 रन बनाए जबकि गेज़ ने नाबाद 65 रनों की पारी खेली।
लेकिन भारतीय गेंदबाज़ों ने सही समय पर विकेट निकालकर न्यूज़ीलैंड की रनगति को रोक दिया।

तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह ठाकुर ने नई गेंद से घातक गेंदबाज़ी करते हुए 3 विकेट झटके। वहीं दीप्ति शर्मा और कुलविंदर कौर ने बीच के ओवरों में दबाव बनाए रखा। भारत ने न्यूज़ीलैंड को 44 ओवरों में 8 विकेट पर 271 रनों पर रोक दिया।

भारत को डीएलएस पद्धति के अनुसार 53 रनों से विजेता घोषित किया गया।

निर्णायक मोड़

मैच का टर्निंग पॉइंट तब आया जब रेणुका सिंह ने न्यूज़ीलैंड की कप्तान सोफी डिवाइन को सिर्फ 14 रनों पर आउट किया। उस समय न्यूज़ीलैंड 100 रन के भीतर दो विकेट खो चुकी थी, और वहीं से भारत ने मैच पर पकड़ बना ली। इसके बाद भारत की गेंदबाज़ों ने रणनीतिक बदलाव कर स्पिनरों को इस्तेमाल किया, जिससे विपक्षी बल्लेबाज़ों पर दबाव बढ़ गया।

कप्तान हरमनप्रीत कौर की प्रतिक्रिया

जीत के बाद हरमनप्रीत कौर ने कहा,

“हमें पता था कि यह मैच सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए निर्णायक है। पूरी टीम ने एकजुट होकर खेला और स्मृति की पारी ने हमें मजबूत स्थिति में पहुंचाया।”

वहीं मंधाना ने कहा,

“मैंने पहले से तय किया था कि आज बड़ी पारी खेलनी है। यह शतक मेरी टीम को समर्पित है।”

इस जीत का महत्व

इस जीत के साथ भारत ने न केवल सेमीफाइनल में प्रवेश किया बल्कि यह भी साबित कर दिया कि महिला क्रिकेट में अब भारत की टीम दुनिया की सबसे संतुलित टीमों में से एक है। मंधाना की फॉर्म, युवा खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और गेंदबाज़ों की सटीकता ने भारत को एक खिताब दावेदार के रूप में स्थापित कर दिया है।

न्यूज़ीलैंड के लिए यह हार निराशाजनक रही, लेकिन उनकी बल्लेबाज़ी में लचीलापन और संघर्ष भावना दिखी। दोनों टीमों ने खेल की भावना को जीवित रखते हुए दर्शकों को एक शानदार मैच दिया।

रणनीति-विश्लेषण

  • भारत ने पारी के शुरुआत में संयम रखते हुए विकेट नहीं खोए, फिर पार करते हुए तेजी दिखाई।

  • मध्यक्रम-निचला हिस्सा आराम से खेलने में सफल रहा, जिससे रनगति लगातार बनी रही।

  • गेंदबाज़ों ने शुरुआत में दबाव बनाया, खासकर जब लक्ष्य बढ़ा हुआ था।

  • न्यूज़ीलैंड को बड़ी साझेदारी जुड़ने तक मौका मिला, लेकिन भारत ने समय-समय पर विकेट लेकर खेलने का रुख बदल दिया।

भारत महिला टीम की यह जीत सिर्फ एक मुकाबले की जीत नहीं थी, बल्कि टीम की मानसिक दृढ़ता, एकता और आत्मविश्वास का परिणाम थी। स्मृति मंधाना की शतकीय पारी और गेंदबाज़ों के अनुशासित प्रदर्शन ने भारत को एक और यादगार जीत दी।
यह मुकाबला महिला क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा, जहाँ “टीम इंडिया” ने अपने दमदार प्रदर्शन से पूरे देश को गर्व महसूस कराया।

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