सोने की कीमतें आज आसमान छू रही हैं, जानिए कारण और भविष्यवाणी
आज देशवासी बाजारों की निगाहें सोने की ओर हैं क्योंकि यह अनमोल धातु फिर से ऊँची छलांग लगा रही है। दिल्ली‑सराफा मंडी में सोने की कीमत लगभग ₹1,27,950 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच गई — यह एक नए रिकॉर्ड स्तर पर है। इस उछाल का प्रमुख कारण है अन्तरराष्ट्रीय तनाव, मुद्रास्फीति की आशंकाएँ और फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज कटौती की उम्मीदें।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी सोने ने अपना दबदबा दिखाया। सोना अमेरिकी बाजार में $4,179.48 प्रति औंस तक गया, जबकि दिसंबर अनुबंध में सोने की कीमत $4,187.50 तक पहुँच गई। निवेशक इस बढ़त को फेड की दरों में कटौती की उम्मीद से जोड़कर देख रहे हैं।

वहीं चांदी की कीमतें भी पीछे नहीं रहीं — चांदी की कीमतों में भी तेज बढ़ोतरी हुई और यह नए स्तरों पर टूट गई।
क्यों चढ़ रही है कीमतें? — कारणों का विश्लेषण
1. जब भी संकट, सोना सुरक्षित निवेश
सोने को पारंपरिक रूप से ‘सेफ़ हेवन’ माना जाता है। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, अमेरिका‑चीन व्यापार युद्ध, और अन्य राजनीतिक तनावों ने निवेशकों को सोने की ओर धक्का दिया है।
2. ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें
जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो बॉन्ड व अन्य स्थिर-आय वाले साधन कम आकर्षक हो जाते हैं। ऐसे में सोना निवेशकों के लिए विकल्प बन जाता है। आज के बाजार में निवेशक मान रहे हैं कि फेडरल रिजर्व आगे ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिससे सोने की मांग और बढ़ रही है।
3. उच्च मांग व फीकी आपूर्ति
त्योहारों के सीजन, शादियों के मौसम तथा निवेशकों की जल्दी बुकिंग मांग को और बढ़ा रही है। लेकिन आयात सीमाओं और सप्लाई चेन की दिक्कतों के कारण आपूर्ति पीछे छूट रही है। ज्वेलर्स ने पहले से ही चेतावनी दी है कि अगर यह असंतुलन बना रहा, तो कीमतों में और तेजी आ सकती है।
शहरों में प्रदर्शन कैसा है?
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दिल्ली‑सराफा मंडी में 10 ग्राम सोना लगभग ₹1,27,950 तक पहुँच गया। अहमदाबाद में भी सोना ₹1.27 लाख के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
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चांदी की कीमतें कुछ स्थानों पर ₹1.74 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुँच गई हैं।
ये आंकड़े बताते हैं कि ये वृद्धि सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि क्षेत्रीय बाजारों में भी व्यापक है।
निवेशकों के लिए सुझाव
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दो हिस्सों में निवेश करें (हैडिंग व लॉन्ग टर्म)
यदि आपका निवेश लक्ष्य 1–2 साल है, तो थोड़ा हिस्सा सोने में निवेश करना ठीक है, लेकिन पूरी पूँजी सोने में लगाने से जोखिम अधिक हो सकता है। -
कीमतों की उतार-चढ़ाव को नज़र में रखें
आज कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं — हो सकता है मुनाफावसूली (profit booking) भी हो। यदि कीमतों में अचानक गिरावट आए, तो अवसर बन सकता है। -
कमिशन और टैक्स गणना करें
देश-प्रदेश के अनुसार सराफा शुल्क, जीएसटी आदि में अंतर हो सकता है। खरीदते समय सभी लागत को जोड़कर कुल खर्च देखें। -
समय का चयन करते समय सतर्क रहें
त्योहारों या शादी के मौसम के बाद बाजार थोड़ा शांत हो सकता है। यदि आप लचीलापन रख सकते हैं, तो इन सीज़न के बाद खरीदारी बेहतर रेट पर हो सकती है।