पाकिस्तान और श्रीलंका के बीच रावलपिंडी में शुरू हुई तीन मैचों की वनडे सीरीज़ का आगाज़ जबरदस्त रोमांच के साथ हुआ। पाकिस्तान ने पहले मुकाबले में श्रीलंका को 6 रन से हराकर सीरीज़ में 1-0 की बढ़त बना ली है। यह मैच केवल क्रिकेट प्रदर्शन की दृष्टि से नहीं, बल्कि मानसिक मज़बूती की मिसाल के तौर पर भी याद रखा जाएगा — क्योंकि मुकाबले से कुछ ही घंटे पहले रावलपिंडी के पास हुए आत्मघाती हमले के बावजूद दोनों टीमों ने मैदान पर पूरा पेशेवर रवैया दिखाया।
🏏 पाकिस्तान की बल्लेबाज़ी – सलमान आगा की शानदार शतकीय पारी
पाकिस्तान की पारी की रीढ़ बने मध्यक्रम के बल्लेबाज़ सलमान आगा। उन्होंने शानदार 105 रन (87 गेंदों)* की नाबाद पारी खेली, जिसमें 9 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनके साथ बाबर आज़म और मोहम्मद रिज़वान ने छोटी-छोटी लेकिन अहम साझेदारियाँ निभाईं। बाबर एक बार फिर अच्छी शुरुआत के बाद 29 रन पर आउट हुए — और इस तरह उनका शतक का इंतज़ार और बढ़ गया।
टीम ने 50 ओवरों में 299/5 का मजबूत स्कोर बनाया। श्रीलंका के गेंदबाज़ों में वानिंदु हसरंगा सबसे सफल रहे, जिन्होंने 10 ओवर में 54 रन देकर 2 विकेट झटके। लेकिन पाकिस्तान की रणनीति साफ थी — विकेट बचाते हुए आख़िरी 10 ओवरों में तेज़ रन बटोरना, और सलमान आगा ने इसे बखूबी निभाया।
⚡ श्रीलंका की जवाबी पारी – हसरंगा और चांदीमल की जुझारू कोशिश
लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंकाई टीम की शुरुआत कुछ ख़ास नहीं रही। शुरुआती झटकों के बाद दिनेथ चांदीमल (77 रन) और वानिंदु हसरंगा (59 रन) ने पारी को संभाला और मैच को रोमांचक मोड़ पर ला दिया। लेकिन अंत में हारिस रऊफ़ की धारदार गेंदबाज़ी ने श्रीलंका को 50 ओवरों में 293/9 पर रोक दिया।
पाकिस्तान की ओर से हारिस रऊफ़ सबसे प्रभावशाली गेंदबाज़ रहे — उन्होंने 4 विकेट झटके और डेथ ओवर्स में टीम को जीत दिलाई। शाहीन शाह अफरीदी ने भी शुरुआती सफलता दिलाकर दबाव बनाया।

🧠 मैच का टर्निंग पॉइंट
39वें ओवर में सलमान आगा द्वारा खेली गई लगातार चौकों की झड़ी ने पाकिस्तान को स्कोर 250 के पार पहुँचाया, जिससे श्रीलंका पर दबाव बढ़ा। वहीं जवाबी पारी में हसरंगा के आउट होने के बाद श्रीलंका का रन-रेट गिरा, और वहीं से मैच पाकिस्तान के पक्ष में झुक गया।
🛡️ सुरक्षा और भावनात्मक पहलू
मैच के दौरान सुरक्षा-व्यवस्थाएँ बेहद कड़ी थीं। रावलपिंडी के पास हुए धमाके के बावजूद मैच अपने समय पर शुरू हुआ, और खिलाड़ियों ने पूरा ध्यान खेल पर केंद्रित रखा। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इसे “टीम की हिम्मत और एकजुटता का प्रमाण” बताया।
यह जीत केवल खेल के लिहाज़ से नहीं, बल्कि मनोबल के दृष्टिकोण से भी पाकिस्तान के लिए बेहद अहम रही।
आगे की राह – सीरीज़ में अगला मुकाबला
अब सीरीज़ का दूसरा मुकाबला 13 नवंबर को इसी मैदान पर खेला जाएगा। पाकिस्तान टीम कोशिश करेगी कि सीरीज़ अपने नाम कर ले, जबकि श्रीलंका के लिए यह “करो या मरो” का मैच होगा। श्रीलंका को अपने टॉप ऑर्डर से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी, खासकर ओपनर्स से, जिन्होंने पहले मैच में निराश किया।
सीरीज़ का महत्व
यह सीरीज़ दोनों टीमों के लिए अगले साल के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2026 की तैयारियों का हिस्सा है, जो पाकिस्तान में आयोजित होगी। घरेलू परिस्थितियों में खेलने की वजह से पाकिस्तान के लिए यह आत्मविश्वास बढ़ाने का मौका है, जबकि श्रीलंका अपने युवा खिलाड़ियों को अनुभव देने की रणनीति पर काम कर रहा है।
पहला मुकाबला यह साबित करता है कि दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देने में सक्षम हैं। पाकिस्तान ने अनुभव और संतुलन से जीत हासिल की, जबकि श्रीलंका ने जुझारूपन दिखाया। अगर आगामी मैचों में श्रीलंका का टॉप ऑर्डर चल गया, तो सीरीज़ और रोमांचक हो सकती है।
रावलपिंडी की इस जीत के साथ पाकिस्तान ने केवल स्कोरबोर्ड पर बढ़त नहीं बनाई, बल्कि यह भी साबित किया कि कठिन हालात में भी उनकी टीम का हौसला टूटता नहीं। यह मुकाबला क्रिकेट से बढ़कर था — यह जज़्बे, एकता और खेल भावना का प्रतीक था। अब सबकी नज़रें अगले वनडे पर हैं, जहाँ या तो पाकिस्तान सीरीज़ अपने नाम करेगा, या श्रीलंका वापसी कर मुकाबले को बराबरी पर लाएगा।