ICC महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का पहला सेमीफाइनल 29 अक्टूबर को गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम में खेला गया, जहां दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को 125 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। यह जीत दक्षिण अफ्रीका महिला टीम के लिए ऐतिहासिक रही क्योंकि यह पहली बार है जब उन्होंने किसी वनडे विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया। कप्तान लौरा वुल्वार्ड्ट (Laura Wolvaardt) और ऑलराउंडर मरिज़ाने कैप (Marizanne Kapp) के शानदार प्रदर्शन ने इंग्लैंड को पूरी तरह पछाड़ दिया।

🏏 दक्षिण अफ्रीका की दमदार शुरुआत
दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वुल्वार्ड्ट ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया और यह फैसला पूरी तरह सही साबित हुआ। टीम ने शानदार शुरुआत की और पहले विकेट के लिए तज़मिन ब्रिट्स (Tazmin Brits) के साथ मिलकर 116 रन की साझेदारी की। ब्रिट्स 47 रन बनाकर आउट हुईं, लेकिन वुल्वार्ड्ट ने रन मशीन की तरह खेलना जारी रखा। उन्होंने 143 गेंदों में 169 रन की कप्तानी पारी खेली, जिसमें 20 चौके और 4 छक्के शामिल थे।
मध्यक्रम में मरिज़ाने कैप ने 42 रन और क्लोए ट्रायन (Chloe Tryon) ने नाबाद 33 रन जोड़े, जिससे टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 319/7 का विशाल स्कोर खड़ा किया। इंग्लैंड की ओर से सोफी एक्लेस्टोन (Sophie Ecclestone) ने सबसे अधिक 4 विकेट झटके, लेकिन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के तूफान को रोकना उनके लिए असंभव साबित हुआ।
💥 इंग्लैंड की पारी — बुरे सपने जैसी शुरुआत
320 रन के बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड की टीम की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने केवल 1 रन पर 3 विकेट गंवा दिए। कैथरीन ब्राइस, डैनी वायट और टैमी ब्यूमोंट जैसी अनुभवी बल्लेबाज़ बिना खाता खोले पवेलियन लौट गईं। यह शुरुआत इंग्लैंड की उम्मीदों पर जैसे ठंडे पानी की बाल्टी डालने जैसी थी।
थोड़ी देर बाद नैट स्कीवर-ब्रंट (Nat Sciver-Brunt) और युवा बल्लेबाज़ एलिस कैप्सी (Alice Capsey) ने 107 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड की पारी को कुछ हद तक संभालने की कोशिश की। स्कीवर ने 64 और कैप्सी ने 50 रन बनाए, लेकिन बाकी बल्लेबाज एक-एक कर ढेर होते चले गए। पूरी इंग्लैंड टीम 42.3 ओवर में 194 रन पर ऑल आउट हो गई।
दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की घातक गेंदबाजी
दक्षिण अफ्रीका की ओर से मरिज़ाने कैप ने गेंद से भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 8 ओवर में केवल 20 रन देकर 5 विकेट झटके। उनकी स्विंग और लाइन-लेंथ ने इंग्लैंड की बल्लेबाज़ों को पूरी तरह जकड़ लिया। शबनीम इस्माइल (Shabnim Ismail) और आयाबोंगा खाका (Ayabonga Khaka) ने भी दो-दो विकेट लेकर इंग्लैंड की बल्लेबाजी को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
कैप की यह गेंदबाजी न केवल मैच की सबसे शानदार स्पेल थी बल्कि उन्होंने महिला विश्व कप इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाली गेंदबाज बनने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
ऐतिहासिक उपलब्धि
यह जीत दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट टीम के लिए मील का पत्थर है। टीम ने 2017 और 2022 के विश्व कप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन फाइनल का टिकट हासिल नहीं कर पाई थी। इस बार उन्होंने उस कमी को पूरा करते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ इंग्लैंड को मात दी। कप्तान वुल्वार्ड्ट की कप्तानी और टीम का सामूहिक प्रदर्शन इस जीत का असली आधार रहा।
वुल्वार्ड्ट को उनके शानदार शतक के लिए “प्लेयर ऑफ द मैच” चुना गया। उनकी यह पारी न केवल तकनीकी दृष्टि से बेहतरीन थी बल्कि टीम की मनोबल को भी ऊँचा उठाने वाली साबित हुई।

🏆 इस जीत का महत्व
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दक्षिण अफ्रीका ने पहली बार महिला ओडीआई विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया।
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यह जीत इतिहास-निर्मित है क्योंकि इंग्लैंड को 125 रन से मात दी – विश्व कप में एक सेमीफाइनल में इतनी बड़ी हार दुर्लभ है। Wolvaardt की पारी ने उन्हें न सिर्फ दक्षिण अफ्रीका का सर्वोच्च स्कोर दिलाया बल्कि उन्होंने अपने करियर और टीम की दिशा दोनों को सुदृढ़ किया।
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Kapp की गेंदबाज़ी और अनुभव ने इंग्लैंड की उम्मीदों को कुचल दिया।
आगे का सफर
दक्षिण अफ्रीका अब विश्व कप के फाइनल में पहुंचेगी, जहां उसका सामना 2 नवंबर को होने वाले दूसरे सेमीफाइनल की विजेता टीम — भारत या ऑस्ट्रेलिया — से होगा। यह मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के लिए अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
वहीं, इंग्लैंड के लिए यह हार गहरी चोट की तरह है। पूर्व चैंपियन टीम को अब अपनी रणनीति, शुरुआती ओवरों की बल्लेबाजी और गेंदबाजी संयोजन पर पुनर्विचार करना होगा।
यह सेमीफाइनल इस बात का प्रमाण था कि समर्पण, कप्तानी और टीम भावना से कोई भी इतिहास रचा जा सकता है। दक्षिण अफ्रीका की महिलाएं अब केवल “प्रतिभाशाली टीम” नहीं, बल्कि “विश्व कप की प्रबल दावेदार” बन चुकी हैं। इस मैच ने न केवल महिला क्रिकेट के स्तर को ऊँचा उठाया बल्कि यह भी दिखाया कि खेल में मेहनत और आत्मविश्वास से हर बाधा पार की जा सकती है।