Gurugram weather today— गुरुग्राम की सड़कों पर भारी बारिश से जलभराव, बाढ़ की चेतावनी जारी

 भारी बारिश – स्कूल बंद, वर्क फ्रॉम होम की सलाह 1 सितंबर की शाम तक सिर्फ चार घंटे में लगभग 100 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे कई इलाकों में जलभराव हो गया। प्रशासन और मौसम विभाग ने जवाब में स्कूलों में छुट्टी और वर्क-फ्रॉम-होम (WFH) की सलाह दी, ताकि सड़क पर भीड़ और जाम की स्थिति से बचा जा सके। वहीं अगले दिन, यानी 2 सितंबर को भी प्रशासन ने सावधानी बरतते हुए ज़रूरत से ज़्यादा आवाजाही से बचने की अपील की और जनजीवन की व्यस्तता में कमी आई।

 जनजीवन पर असर – ट्रैफिक जाम और प्रशासनिक प्रतिक्रिया भारी बारिश के चलते कई क्षेत्रों में सड़कों पर जलभराव और लंबे ट्रैफिक जाम की स्थिति सामने आई। प्रशासन की ओर से क्लियरिंग और राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, लेकिन तेज़ बारिश और अलर्ट की मौजूदगी अभी भी बनी हुई है।

मौसम रिपोर्ट — गुरुग्राम, 2–15 सितंबर 2025

वर्तमान स्थिति: आसमान में बादल छाए हुए हैं और तापमान लगभग 26 °C (79 °F) है।

2–3 सितंबर: लगातार वर्षा के दौर; उच्च तापमान 29 °C, न्यूनतम 24–25 °C; गरज और तेज बारिश की संभावना।

4–8 सितंबर: गर्म और उमस भरा मौसम; बारिश और तूफान की चेतावनी बनी रहेगी। तापमान 31–33 °C तक पहुँचने की सम्भावना है।
इस दौरान बार–बार बादल, गरज-चमक और मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।

9–15 सितंबर: बारिश में कुछ कमी—हालांकि 11 और 12 सितंबर को दोपहर में तूफ़ानी बारिश की संभावना है; तापमान 34 °C के आसपास रहेगा।

अलर्ट्स:
इसके साथ ही, भारतीय मौसम विभाग (IMD) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों ने गुड़गांव (गुरुग्राम) के लिए ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी किया हुआ है। विशेष रूप से, 2 सितंबर के लिए कई स्थानों पर गरज के साथ भारी वर्षा की संभावना है, और शाम तक अलर्ट प्रभावी रहेगा।

तेजी से बदला जनरल परिवहन: अचानक जाम, जलभराव, स्कूल बंद और WFH जैसी अवस्थाएँ सामने आईं।

आगामी जोखिम: अलर्ट्स अभी भी प्रभावी हैं—अत: नागरिकों को सतर्क रहना अनिवार्य है।

सुझाव: IMD अपडेट्स, स्थानीय प्रशासन की गाइडलाइन्स, और व्यक्तिगत सुरक्षा कदम—इन पर ध्यान देने से बेहतर सुझाव और मदद मिल सकती है।

आपातकालीन उपाये और राहत कार्य

हरियाणा सरकार ने अगले तीन दिनों के लिए मॉनसून अलर्ट जारी किया और सभी क्षेत्रीय अधिकारी की छुट्टियां रद्द कर दीं ताकि लोग समय पर राहत कार्यों में मदद कर सकें।

GMDA और अन्य एजेंसियों ने नर्सिंगपुर, बसाई चौक, और ताऊ देवी लाल स्टेडियम जैसे फ्लड‑प्रोन इलाकों में भारी‑शक्ति वाले पंप लगाए हैं, साथ ही मोबाइल पंप और सक्शन टैंकर भी तैयार रखे गए हैं।

टॉपोग्राफी और ऐतिहासिक संरचना का महत्व

शहर की जलभराव समस्या अरावली‑ध्रुव और नजफगढ़ नाले के बीच ऊँचाई अंतर (लगभग 78 m) और बुंद संरचनाओं के नुकसान की वजह से उत्पन्न हो रही है। अतीत में ये बुंद वर्षा जल को नियंत्रित करते थे। अब उनका अस्तित्व घट चुका है।

प्राकृतिक जलशोथन मार्गों पर निर्माण और नालों के अतिक्रमण के कारण नदी‑नाले अवरूद्ध हो गए हैं। उदाहरण के लिए, पुराने प्राकृतिक नालों में से 90% से अधिक खत्म हो चुके हैं।

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