हाल ही में, लोकसभा ने “Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025” को ध्वनिमत (वॉयस वोट) से पारित कर दिया, जो अब राज्यसभा में भेजा जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बनेगा। यह विधेयक भारतीय डिजिटल गेमिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।
मुख्य उद्देश्य
बिल का प्राथमिक उद्देश्य ऑनलाइन “रियल मनी गेम्स”—जिनमें यूसर पैसा देकर लाभ की उम्मीद रखते हैं—को प्रतिबंधित कर, खिलाड़ियों, विशेषकर युवाओं और नाबालिगों को मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान से बचाना है।

प्रमुख प्रावधान
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पूर्ण प्रतिबंध
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रियल मनी गेम्स, फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर, रम्मी, ऑनलाइन लॉटरी जैसे खेलों को संचालित, प्रचारित या सुविधा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है
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“Real money games, fantasy sports, poker, rummy, and online lottery games have been banned from being operated, promoted, or facilitated.”
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दंड और दंडाधिकार
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ऐसे गेम्स संचालित करने पर जुर्माना ₹1 करोड़ तक और/या 3 वर्ष तक की जेल की सजा हो सकती है।
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विज्ञापन करने पर 2 वर्ष तक जेल और/या ₹50 लाख तक जुर्माना
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वित्तीय संस्थान जो लेन-देन में शामिल होंगे, उन पर भी लागू होगी
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केंद्रीय नियामक संस्था
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एक नई रैगुलेटर अथॉरिटी बनाई जाएगी जो गेम्स का वर्गीकरण, पंजीकरण, निगरानी, शिकायत निवारण और स्क्रीनों की पुष्टि करेगी
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ई‑स्पोर्ट्स और सामाजिक/शैक्षिक खेलों को बढ़ावा
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बिल में ई‑स्पोर्ट्स को वैध प्रतियोगी खेल के रूप में मान्यता दी गई है।
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शैक्षिक, सामाजिक और कौशल आधारित खेलों को सरकार की ओर से सहायता, मार्गदर्शन और प्रशिक्षण के माध्यम से बढ़ावा मिलेगा
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सरकार की पक्ष
MeitY सचिव श्री S. Krishnan ने स्पष्ट किया कि समस्या असल में रियल मनी गेमिंग में है, न कि ई‑स्पोर्ट्स या वैध गेमिंग में। सरकार इस विभाजन के आधार पर उद्योग को सुरक्षित रूप से प्रोत्साहित करना चाहती है
समाज में सुधार की दिशा
केंद्रीय सरकार का कहना है कि यह कदम एक “सामाजिक निर्णय” है, जहाँ आर्थिक लाभ से अधिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा और युवा संरक्षण महत्वपूर्ण हैं
उद्योग और विपक्ष की लोक-प्रतिक्रिया
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उद्योग संघों जैसे AIGF, EGF, FIFS ने आगाह किया कि यह बिल 2 लाख से अधिक नौकरियां और 400 से ज्यादा कंपनियों के बंद होने की संभावना बढ़ा सकता है।
उन्होंने कहा कि यह कदम वैध प्लेटफॉर्म को खतरनाक अवैध विकल्पों की ओर धकेल सकता है -
राजस्व (टैक्स) में संभावित कमी
सरकार ऑनलाइन मनी गेमिंग से लगभग ₹20,000 करोड़ सालाना टैक्स प्राप्त करती है, जिसे अब जोखिम बताया जा रहा है -
कानूनी पारदर्शिता एवं प्रक्रिया की कमी
विपक्ष और विशेषज्ञों का आरोप है कि बिल बिना पर्याप्त चर्चा के पारित किया गया, और इसे सेलेक्ट कमेटी या सार्वजनिक सुनवाई के माध्यम से पेश किया जाना चाहिए था
यह विधेयक भारतीय ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र में एक नई शुरुआत ले आता है—जहां उत्साह, नवाचार और अर्थव्यवस्था का संरक्षण एक ओर बने रहे, वहीं व्यसन, धोखाधड़ी और मानसिक स्वास्थ्य के खतरों को रोकने की जिम्मेदारी सरकार की रही। यदि संतुलन सही ढंग से लागू हुआ, तो यह बिल भारत को विकसित, संरचित और जिम्मेदार गेमिंग इकोसिस्टम की दिशा में ले जाएगा।