महिला विश्व कप 2025: भारत को ऑस्ट्रेलिया से रोमांचक मुकाबले में हार”
भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला टीमों के बीच हाल ही में हुआ यह मुकाबला महिला वनडे विश्व कप 2025 का हिस्सा था। मैच विशाखापत्तनम के ACA‑VDCA स्टेडियम में खेला गया।
पहले बल्लेबाज़ी करते हुए भारत ने एक बहुत ही जबरदस्त स्कोर स्थापित किया — 330 रन । इस पारी को बनाया भारतीय सलामी जोड़ी स्मृति मंधाना और प्रतिका रावल ने मिलकर — एक शानदार ओपनिंग पार्टनरशिप दी। उन्होंने पहले विकेट के लिए 155 रन जोड़कर टीम को मजबूती दी।
मंधाना ने इस पारी में 80 रन बनाई, रावल ने 75 रन पर आउट हुईं। भारत के मध्यक्रम में हरलीन देओल (38), जेमिमा (33) और अन्य बल्लेबाजों ने छोटे योगदान दिए।
लेकिन दुर्भाग्यवश, भारत का निचला क्रम ज़रूरत के अनुरूप योगदान नहीं दे पाया और पूरी पारी 48.5 ओवरों में ऑल-आउट हो गई।

ऑस्ट्रेलिया की जबरदस्त वापसी
संघर्षपूर्ण शुरुआत के बावजूद ऑस्ट्रेलिया ने एक इतिहास रच दिया — उन्होंने 331 रन का लक्ष्य अंतिम ओवर से 6 गेंद पहले पूरे करके महिला वनडे का अब तक का सबसे बड़ा सफल रन चेज किया।
इस पारी का हीरो था टीम की कप्तान अलीसा हीली, जिन्होंने 142 रन की विस्फोटक पारी खेली — 107 गेंदों में, जिसमें 21 चौके और 3 छक्के शामिल थे। यह उनकी छठी वनडे सेंचुरी है, और कप्तानी में यह उनका पहला शतक भी था।
दूसरी ओर, एनाबेल सदरलैंड ने गेंदबाज़ी में अपना जलवा दिखाया — उन्होंने 5 विकेट झटके और भारत की पारी को दबाव में रखा। साथ ही सोफी मोलिनक्स ने टीम को तीन और विकेट दिलाये।
मध्यक्रम में कुछ उथल-पुथल हुई, लेकिन एलिस पेरी ने अंत में नाबाद 47 रन बनाकर टीम को सुरक्षित जीत दिलाई।
रिकॉर्ड और अहम बातें
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यह मैच महिला वनडे इतिहास में सबसे बड़े सफल रन चेज के रूप में दर्ज हुआ। स्मृति मंधाना ने एक कैलेंडर वर्ष में 1000 वनडे रन बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनने का रिकॉर्ड बनाया।
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उन्होंने सबसे तेज़ 5000 वनडे रन पूरे करने का भारतीय महिला रिकॉर्ड भी अपने नाम किया।
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भारत की ओपनिंग साझेदारी (155) वर्ल्ड कप इतिहास में भारत की सर्वोच्च साझेदारी बन गई।
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इस मैच में कुल 13 छक्के लगे — ये भी एक नया विश्व कप रिकॉर्ड है।
भारतीय टीम की विफलियाँ और सबक
भारत की हार सिर्फ बल्लेबाज़ी की कमजोरी नहीं थी — तेज़ विकेट गिरना (36 रन में 6 विकेट गंवाये) इस हार का मोड़ था।
मिडिल और निचले क्रम में भरोसा नहीं दिला सके खिलाड़ी, जबकि ऑस्ट्रेलिया ने दबाव में भी संयम बनाए रखा। खासकर गेंदबाज़ी के आखिरी ओवरों में टीम संघर्ष करती हुई नजर आई।
फ़ील्डिंग और कैचिंग में भी कुछ चूके — अगर वो बचाए जाते, तो परिणाम शायद अलग हो सकता था।
यह मैच महिला क्रिकेट के इतिहास में एक यादगार मुकाबला बन गया। भारत ने शानदार शुरुआत की, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने शानदार पीछा करते हुए जीत हासिल की। हीली की पारी और सदरलैंड की गेंदबाज़ी ने उन्हें मैच दिलाया।
हालाँकि भारत को इस हार से कई सीख मिलेंगी — निचले क्रम की मजबूती, दबाव में सामना करने की क्षमता और बेहतर फील्डिंग — अगर ये सुधार हो पाए, तो अगली बार मुकाबला ज़रूर कसकर होगा।